कर्नाटक सरकार में मंत्री एच.के. पाटिल ने गुरुवार को खुलासा किया कि कथित मुडा घोटाले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी है। पाटिल ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष पी.एन. देसाई ने अपनी जांच में मुख्यमंत्री और उनके परिवार को निर्दोष पाया है।
इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है और कैबिनेट ने इस पर सहमति जताई है, जिस पर अगली बैठक में विस्तार से चर्चा होगी। मामला 2021 में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) द्वारा सिद्धारमैया की पत्नी को 14 प्लॉट आवंटित करने से जुड़ा है, जो मैसूर के विजयनगर इलाके में स्थित हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस आरोप की जांच कर रहा है कि मुडा ने केसरे गांव में पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। आरोप है कि सिद्धारमैया ने अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 साइटों के मुआवजे के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया, जो मुडा द्वारा अधिग्रहित 3 एकड़ 16 गुंटा जमीन के बदले में था।
मुडा ने शुरुआत में जमीन 3,24,700 रुपये में अधिग्रहित की थी। 14 साइटों के रूप में मुआवजा लगभग 56 करोड़ रुपये का है। इसके अतिरिक्त, मंत्री पाटिल ने यह भी घोषणा की कि राज्य मंत्रिमंडल राज्य चुनाव आयोग से स्थानीय निकाय चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर का उपयोग करके आयोजित करने की सिफारिश करेगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल राज्य चुनाव आयोग से मतदाता सूची को अपडेट करने और चुनाव बैलेट पेपर से कराने की सिफारिश करेगा, क्योंकि ईवीएम और मतदाता सूची की विश्वसनीयता कम हो गई है। यह निर्णय शिकायतों के बाद लिया गया है।