बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और सभी पार्टियां अपने-अपने खेमे को मजबूत करने में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार बीजेपी कोर ग्रुप के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में मुख्य रूप से बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों और प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां के बारे में कांग्रेस के मंच से की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर गहन चर्चा हुई और आगे की रणनीति बनाई गई। बैठक में उम्मीदवार चयन, घोषणा पत्र के मुद्दों और चुनाव प्रचार की रणनीति पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में बीजेपी और एनडीए के भविष्य के प्रचार के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई, साथ ही जमीनी स्तर की वास्तविकताओं को समझने की कोशिश भी की गई। बैठक के बाद, बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि 25 सितंबर तक विधानसभा स्तर पर एनडीए कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
बैठक में लगभग दो घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। पार्टी जल्द ही विधानसभा चुनावों के लिए एक चुनाव अभियान समिति का गठन करेगी, जिसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे। यह समिति चुनाव प्रचार का संचालन करेगी। दिलीप जायसवाल ने बताया कि बैठक में जिला स्तर पर पार्टी नेतृत्व के साथ मिलकर विधानसभा स्तर पर उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श करने का निर्णय लिया गया।
हालांकि, बैठक में सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई। जायसवाल ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में पार्टी की स्थानीय इकाइयों से सलाह लेने पर जोर दिया गया।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार बीजेपी कोर ग्रुप के सभी 13 सदस्य मौजूद थे, जिनमें दोनों उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि चुनाव के दौरान अन्य राज्यों से आने वाले पार्टी प्रभारी विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभालेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में कैंप कर चुनावी रणनीति पर नजर रखेंगे।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में नेताओं को जमीनी स्तर पर काम करने और भाषणबाजी कम करने की सलाह दी गई। आलाकमान ने SIR को लेकर बिहार बीजेपी की निष्क्रियता और पीएम मोदी की मां पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद राज्य के नेताओं की सुस्ती पर नाराजगी जाहिर की और जमीनी स्तर पर गतिविधियों को बढ़ाने तथा चुनाव के दौरान पूरी तरह से सक्रिय रहने का निर्देश दिया।