भारतीय वायु सेना (IAF) अपने प्रतिष्ठित मिग-21 लड़ाकू विमान को 26 सितंबर, 2025 को चंडीगढ़ वायु सेना स्टेशन पर एक विशेष समारोह में औपचारिक विदाई देगी। यह विमान छह दशकों से अधिक समय तक सेवा में रहा है। इस अवसर पर, चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर ‘Culmination of MiG-21 Ops in IAF’ नामक एक विशेष समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसकी फुल ड्रेस रिहर्सल 24 सितंबर 2025 को होगी।
62 साल तक भारतीय वायुसेना की शान रहे इस विमान को शानदार विदाई देने की तैयारी जोरों पर है। 26 सितंबर को मिग-21 आखिरी बार चंडीगढ़ के आसमान में उड़ान भरेगा। समारोह लगभग 90 मिनट लंबा होगा और इसमें विशेष फ्लाईपास्ट, गार्ड ऑफ ऑनर और स्मारक सजावट शामिल होगी। इस अवसर पर मिग-21 का फॉर्म 700 भी मुख्य अतिथि को सौंपा जाएगा।
**फॉर्म 700 क्या है?**
फॉर्म 700 भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस फॉर्म है, जिसमें विमान की प्री-फ्लाइट, पोस्ट-फ्लाइट और दैनिक जांच का रिकॉर्ड होता है। यह लॉगबुक विमान की उड़ान के लिए तैयारियों का प्रमाण देती है। मिग-21 के स्क्वॉड्रन डिइंडक्ट होने पर फॉर्म 700 सौंपा जाएगा।
**विदाई समारोह की मुख्य बातें**
समारोह में मिग-21 से जुड़े पायलट और क्रू सदस्य शामिल होंगे, जिन्होंने इसकी सेवा में योगदान दिया। वर्तमान में सक्रिय मिग-21 बाइसन के दो स्क्वॉड्रन भी इस समारोह में चरणबद्ध तरीके से विदा होंगे।
**मिग-21 के बाद क्या होगा?**
26 सितंबर के बाद मिग-21 बाइसन विमान चंडीगढ़ से नल एयरबेस ले जाए जाएंगे। इसके बाद नंबर 3 स्क्वॉड्रन (कोबरा) और नंबर 23 स्क्वॉड्रन (पैंथर्स) को नंबर प्लेटेड कर दिया जाएगा, जिससे उनकी विरासत सुरक्षित रहेगी। नए विमान इन्हीं नामों से जुड़ेंगे। नंबर 3 स्क्वॉड्रन को पहला LCA तेजस मार्क 1A मिलेगा।
नल एयरबेस पर विमानों की तकनीकी जांच की जाएगी। उपयोग योग्य पार्ट्स निकाले जाएंगे और बाकी हिस्सों को स्क्रैप किया जाएगा। कुछ पार्ट्स प्रशिक्षण के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों को दिए जा सकते हैं या उन्हें युद्ध स्मारकों और संग्रहालयों में रखा जा सकता है। नागरिक संस्थाओं या विश्वविद्यालयों को प्रदर्शन के लिए एयर हेडक्वार्टर में औपचारिक अनुरोध करना होगा।
**पहले से प्रदर्शित मिग-21**
कई सेवानिवृत्त मिग-21 प्रदर्शन के लिए स्थापित किए गए हैं, जिनमें चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना हेरिटेज म्यूज़ियम, दिल्ली में IAF म्यूज़ियम, पालम एयरफोर्स स्टेशन, कोलकाता में निक्को पार्क, ओडिशा में बीजू पटनायक एरोनॉटिक्स म्यूज़ियम, राष्ट्रपति भवन संग्रहालय (दिल्ली), प्रयागराज में चंद्रशेखर पार्क, बेंगलुरु में HAL हेरिटेज सेंटर और एयरोस्पेस म्यूज़ियम शामिल हैं।
**मिग-21 के पायलटों का क्या होगा?**
वायुसेना में पायलट अपनी स्ट्रीम को आसानी से नहीं बदल सकते। फाइटर, ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर मुख्य स्ट्रीम हैं। फाइटर पायलट मेडिकल या परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर ट्रांसपोर्ट या हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में जा सकते हैं। मिग-21 के डिइंडक्ट होने पर इन पायलटों को नए फाइटर विमानों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो 3 से 6 महीने तक चलेगा। वे टेस्ट पायलट, लॉजिस्टिक्स या एडमिन ब्रांच में भी शामिल हो सकते हैं।
भारतीय वायुसेना इस विदाई समारोह को यादगार बनाने की तैयारी कर रही है, क्योंकि मिग-21 छह दशकों से भारत की हवाई सुरक्षा का प्रतीक रहा है।