दिल्ली में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों में बड़े बदलावों की घोषणा की। बैठक में लिए गए फैसलों का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को राहत देना था। जीएसटी काउंसिल ने 12% और 18% टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया है और अब केवल 5% और 18% के दो टैक्स स्लैब लागू होंगे।
वित्त मंत्री ने बताया कि इन बदलावों से मध्यम वर्ग को सबसे अधिक लाभ होगा। आवश्यक वस्तुओं को 12% और 18% से 5% स्लैब में लाया गया है, जबकि कुछ वस्तुओं को जीरो टैक्स स्लैब में रखा गया है। ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद, वित्त मंत्री ने उन वस्तुओं की सूची जारी की जो अब सस्ती हो जाएंगी। दूध, पनीर, पिज्जा, ब्रेड, रोटी और पराठा जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। रोजमर्रा की इस्तेमाल की जाने वाली कई चीजें, जैसे हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टूथब्रश और बर्तन, अब 5% जीएसटी के दायरे में आएंगी।
इसके अलावा, कार, बाइक और सीमेंट पर टैक्स की दरें कम की गई हैं। टीवी पर भी जीएसटी कम कर दिया गया है। 33 जीवन रक्षक दवाइयों को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है, जिनमें कैंसर की दवाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी को घटाकर शून्य कर दिया गया है।
बैठक में सुपर लग्जरी सामानों पर 40% का विशेष टैक्स लगाने का भी निर्णय लिया गया है, जिसमें तंबाकू उत्पाद और फ्लेवर्ड कार्बोनेटेड पेय पदार्थ शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बदलावों की सराहना की है और कहा है कि यह कदम आम लोगों, किसानों, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं के जीवन को बेहतर बनाएगा।