कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक) कोर्ट के एक आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामला 2024 में अमेरिका में सिखों पर दिए गए उनके एक बयान से संबंधित है। निचली अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील से जुड़े एक मामले को एसीजेएम की कोर्ट को भेजा था। न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ आज इस मामले की सुनवाई करेगी। वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक) के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसे 28 नवंबर 2024 को खारिज कर दिया गया था। अदालत ने कहा था कि यह मामला उसके न्यायिक क्षेत्र से बाहर का है क्योंकि भाषण अमेरिका में दिया गया था। मिश्रा ने इसके बाद पुनरीक्षण अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और एसीजेएम को नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया। यह घटना सितंबर 2024 की है, जब राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है। इस बयान पर विवाद हुआ था और इसे भड़काऊ बताया गया था। वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा ने पहले सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन जब वे सफल नहीं हुए तो उन्होंने कोर्ट में एक आवेदन दायर किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 28 नवंबर 2024 को यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि मामला अमेरिका में दिए गए भाषण से संबंधित है और उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। बाद में, मिश्रा ने सत्र न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसे 21 जुलाई 2025 को स्वीकार कर लिया गया। अब, राहुल गांधी ने इस निर्णय के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की है, जिसमें तर्क दिया गया है कि वाराणसी कोर्ट का आदेश गलत, अवैध और क्षेत्राधिकार से बाहर है।
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