यह एक सच्चाई है कि बेटियां घर में उजाला करती हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हमेशा माता-पिता के लिए चिंता का विषय बनी रहती है। जब बेटी घर से बाहर निकलती है, तो माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। कामकाजी महिलाओं के लिए, देर रात घर लौटने पर माता-पिता की चिंता लाजमी है।
हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे माता-पिता की चिंता बढ़ी है। महिलाओं की सुरक्षा किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में 40% महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में। शाम ढलने के बाद, खराब रोशनी और सुरक्षा की कमी के कारण असुरक्षा की भावना बढ़ जाती है।
‘नारी 2025’ रिपोर्ट में 31 शहरों की 12,770 महिलाओं के अनुभवों को शामिल किया गया है। रांची, श्रीनगर, कोलकाता, दिल्ली, फरीदाबाद, पटना और जयपुर को महिलाओं के लिए सबसे कम सुरक्षित शहर बताया गया है। दिल्ली और फरीदाबाद में 42% महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि रांची में यह आंकड़ा 44% है।
कोहिमा, जहां 80% से अधिक महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर है। विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, आइजोल, गंगटोक, ईटानगर और मुंबई भी अपेक्षाकृत सुरक्षित शहर हैं।
सड़कों पर महिलाओं को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिसमें घूरना, छेड़खानी, अश्लील टिप्पणियां और शारीरिक स्पर्श शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में 7% महिलाओं को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, और 18-24 वर्ष की आयु की युवा महिलाओं में यह जोखिम सबसे अधिक था।
महिलाओं द्वारा उत्पीड़न की घटनाओं की रिपोर्ट न करने का एक कारण डर और सामाजिक कलंक है। केवल 22% महिलाएं ही घटनाओं की रिपोर्ट करती हैं, और केवल 16% मामलों में कार्रवाई की जाती है। कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए नीतियां होने के बावजूद, कई महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर राहतकर ने ‘नारी 2025’ लॉन्च किया। यह रिपोर्ट महिलाओं की सुरक्षा चिंताओं को समझने और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रिपोर्ट में महिलाओं की वास्तविक आवाज को सामने लाया गया है और नीति निर्माताओं और संस्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान बनाने में मदद करने की बात कही गई है।
पीवैल्यू एनालिटिक्स के एमडी प्रहलाद राउत ने कहा कि ‘नारी 2025’ का लक्ष्य महिलाओं के दैनिक जीवन में सुरक्षा के अनुभव को स्पष्ट रूप से दर्शाना है। यह रिपोर्ट सभी राज्यों के 31 शहरों की 12,700 से अधिक महिलाओं के विचारों पर आधारित है। रिपोर्ट नीति निर्माताओं, सरकारों, निगमों और नागरिक समाज को महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित और समावेशी शहर बनाने की दिशा में काम करने में मदद करेगी।