प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ़िनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के बीच फ़ोन पर बातचीत हुई जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध और यूरोपीय संघ (EU) के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने फ़िनलैंड के राष्ट्रपति के साथ हुई बातचीत को ‘सार्थक’ बताया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘फ़िनलैंड EU में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। हमने व्यापार, प्रौद्योगिकी और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया।’
राष्ट्रपति स्टब ने भी इस बात पर सहमति जताई कि दोनों नेता युद्ध के ‘न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान’ की तत्काल आवश्यकता पर सहमत हुए। उन्होंने कहा, ‘युद्ध का अंत हम सभी के हित में है, यह एक साझा लक्ष्य है। भारत इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत को दक्षिण, पश्चिम और पूर्व में सुना और सम्मान दिया जाता है। हमने भारत और EU के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर भी सहमति जताई। हमारा सहयोग जारी रहेगा।’
यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत यूरोपीय देशों के साथ अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ा रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पहले बताया था कि यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ मुक्त व्यापार समझौता, जिसमें आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं, 1 अक्टूबर से लागू होगा।
29 मार्च 2024 को हस्ताक्षरित व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) में 15 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर के EFTA निवेश का वादा किया गया है, जिसमें पहले दस वर्षों में 50 बिलियन डॉलर और शेष राशि अगले पांच वर्षों में आने की उम्मीद है।
इस समझौते से भारत में 10 लाख नौकरियां पैदा होने की भी उम्मीद है, साथ ही स्विस घड़ियों और चॉकलेट, और कटे हुए और पॉलिश किए गए हीरे जैसे यूरोपीय सामानों के लिए भारतीय बाजार खुलेंगे, जिन पर कम या कोई शुल्क नहीं लगेगा।
यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन भी रूस के साथ लंबे युद्ध को समाप्त करने में भारत की भूमिका के महत्व पर जोर दे रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाओं के लिए मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि ‘हम शांति लाने के लिए भारत के योगदान पर भरोसा करते हैं’।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन नई दिल्ली की शांति और संवाद के प्रति प्रतिबद्धता को महत्व देता है। उन्होंने कहा कि कूटनीति के प्रति तेजी से प्रतिबद्ध हर देश की भागीदारी यूरोप से लेकर हिंद-प्रशांत तक वैश्विक सुरक्षा का समर्थन करती है।
24 अगस्त को ज़ेलेंस्की को लिखे एक पत्र में, प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि भारत ‘हमेशा शांति के पक्ष में खड़ा रहा है’ और ‘बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शुरुआती, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में ईमानदार प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।’