एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक ताज़ा रिपोर्ट में पता चला है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारत के 31 मुख्यमंत्रियों में सबसे गरीब हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी के पास केवल 15 लाख 40 हजार रुपये की संपत्ति है, जो सभी मुख्यमंत्रियों में सबसे कम है। यह जानकारी हालिया विधानसभा चुनावों या उपचुनावों में मुख्यमंत्रियों द्वारा दाखिल हलफनामों पर आधारित है। इस रिपोर्ट के बाद बंगाल में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
ममता बनर्जी ने ‘भारत की सबसे गरीब मुख्यमंत्री’ का तमगा बरकरार रखा है, जबकि आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू ‘देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री’ हैं। चंद्रबाबू नायडू की कुल संपत्ति 931 करोड़ रुपये से अधिक है।
सबसे अमीर मुख्यमंत्रियों की सूची में चंद्रबाबू नायडू के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू हैं, जिनकी संपत्ति 332 करोड़ रुपये है। देश में केवल दो ‘अरबपति’ मुख्यमंत्री हैं – चंद्रबाबू नायडू और पेमा खांडू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कुल संपत्ति के मामले में तीसरे स्थान पर हैं। इस सूची में ममता बनर्जी से ऊपर जम्मू-कश्मीर के उमर अब्दुल्ला हैं, जिनकी संपत्ति 55 लाख रुपये है।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी ने अपने चुनावी हलफनामे में 9 ग्राम सोना होने की घोषणा की थी, जिसकी उस समय कीमत 43,837 रुपये थी। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पास कोई जमीन नहीं है और न ही उनका अपना कोई घर है।
ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी ने कहा कि ममता हमारे परिवार से अलग हैं और साध्वी की तरह जीवन जीती हैं। ममता का कहना है कि वह सबके लिए हैं, परिवार के लिए नहीं।
बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि सीएम ममता बनर्जी के परिवार के पास हरीश मुखर्जी रोड पर 34 संपत्तियां हैं, और वह एक ‘ड्रामा क्वीन’ हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि बीजेपी को ममता बनर्जी से त्याग सीखना चाहिए, जिन्होंने देश को दिखाया है कि एक मुख्यमंत्री को कैसा होना चाहिए।