उपराष्ट्रपति चुनाव की सियासी हलचल तेज़ हो गई है। यह चुनाव एक शांत संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होता है। इस चुनाव के लिए, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा। उनके खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को खड़ा किया। सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं और सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश से आते हैं।
पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों के आँकड़ों से पता चलता है कि केंद्र में जिस पार्टी की सरकार रही है, उसकी बड़ी जीत हुई है। 2014 के बाद बीजेपी की सरकार आने के बाद जगदीप धनखड़ की सबसे बड़ी जीत हुई है। उन्होंने रिकॉर्ड वोटों से विपक्ष की नेता मार्गरेट अल्वा को हराया, जो 1997 के बाद किसी विपक्षी नेता की सबसे बड़ी हार थी। देश की आजादी के बाद चार ऐसे उपराष्ट्रपति भी हुए हैं जो निर्विरोध चुने गए।
पिछले 30 वर्षों में सबसे ज्यादा वोट से किसने जीत हासिल की?
- 1997 में जनता दल ने कृष्ण कांत को उपराष्ट्रपति चुनाव में खड़ा किया। उन्हें 441 वोट मिले। उनके सामने शिरोमणि अकाली दल के सुरजीत सिंह बरनाला थे, जिन्हें 273 वोट मिले।
- 2002 में, बीजेपी उम्मीदवार भैरोंसिंह शेखावत के सामने कांग्रेस ने सुशील कुमार शिंदे को उतारा। शेखावत को 454 वोट मिले, जबकि शिंदे को 305 वोट मिले।
- 2007 में कांग्रेस के मोहम्मद हामिद अंसारी जीते, जिन्हें 455 वोट मिले। उनके खिलाफ बीजेपी ने नजमा हेपतुल्ला को उतारा। उन्हें 238 वोट मिले।
- 2012 में कांग्रेस ने फिर से हामिद अंसारी को खड़ा किया। उनके खिलाफ बीजेपी ने जसवंत सिंह को मैदान में उतारा। हामिद अंसारी को 490 वोट मिले, जबकि जसवंत सिंह को 238 वोट मिले।
- 2017 में, बीजेपी ने वेंकैया नायडू को उम्मीदवार बनाया। उनके खिलाफ विपक्ष ने गोपालकृष्ण गांधी को खड़ा किया। नायडू को 516 वोट मिले, जबकि गांधी को 244 वोट मिले।
- 2022 में बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया। उन्हें 528 वोट मिले, जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले। धनखड़ की जीत सबसे बड़ी थी।
अब तक कौन निर्विरोध जीता?
1952 और 1957 में सर्वपल्ली राधाकृष्णन निर्विरोध चुने गए। 1969 में गोपाल स्वरूप पाठक और 1979 में मोहम्मद हिदायतुल्लाह भी निर्विरोध चुने गए। 1987 में शंकर दयाल शर्मा भी निर्विरोध चुने गए।
राज्यसभा में बहुमत किसके पास है?
एनडीए के पास संसद में बहुमत है, इसलिए वे इस चुनाव में फिर से जीत हासिल कर सकते हैं। बीजेपी के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 133 सीटें हैं। चुनाव के लिए 9 सितंबर को मतदान होगा। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी और 25 अगस्त तक नाम वापस लिए जा सकते थे।