केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है। विधेयक में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने और उल्लंघन करने वालों के लिए सज़ा का प्रावधान है। इसका उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है। विधेयक के अनुसार, ऑनलाइन मनी गेमिंग नियमों का उल्लंघन करने वालों को तीन साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है।
विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करना है, लेकिन उद्योग से जुड़े लोग इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों के बारे में चिंतित हैं। वर्तमान में, भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार 3.7 अरब डॉलर का है और इसमें लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कई प्रमुख गेमिंग कंपनियां, जैसे ड्रीम11 और विंजो, इस विधेयक के कारण प्रभावित हो सकती हैं।
2024 में, भारतीय गेमिंग बाजार 31,938 करोड़ रुपये का है, जिसमें रियल मनी गेमिंग का महत्वपूर्ण योगदान है। इस क्षेत्र का मूल्यांकन 25 अरब डॉलर है और यह सालाना 25,000 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स का योगदान देता है। एक अध्ययन के अनुसार, 45 करोड़ से अधिक भारतीय ऑनलाइन गेम खेलते हैं। इस उद्योग में 1100 से अधिक गेमिंग कंपनियां हैं, जिनमें 400 से अधिक स्टार्टअप शामिल हैं। HP की एक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं पुरुषों की तुलना में गेमिंग में अधिक समय बिताती हैं। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिबंध से नौकरियों का नुकसान हो सकता है और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।