सुप्रीम कोर्ट ने POCSO कानून के गलत इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्यार कोई अपराध नहीं है। कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिनमें नाबालिगों के आपसी सहमति से बने रिश्तों में पॉक्सो कानून के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए दिशा-निर्देश बनाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि यदि किशोर सहमति से रिश्ते में हैं तो उन्हें अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए। बेंच ने इस बात पर भी जोर दिया कि POCSO कानून का उपयोग बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए है, लेकिन वास्तविक रिश्तों और शोषण के बीच अंतर करना आवश्यक है। कोर्ट ने कहा कि कई बार माता-पिता अपनी बेटियों के भागकर शादी करने या रिश्ते बनाने पर POCSO का गलत इस्तेमाल करते हैं। कोर्ट ने आगाह किया कि POCSO के तहत हर मामले को आपराधिक मानकर कार्रवाई करना उचित नहीं होगा, हर मामले की जांच अलग-अलग आधार पर होनी चाहिए।
Trending
- मेघालय तीर लॉटरी 02.11.2025: आज के विजेता नंबर और नियम
- कोरिया और सिंगापुर में बढ़ी साझेदारी: रक्षा से लेकर AI तक सहयोग
- अभिनेत्री रुचिता जाधव की आपबीती: बाल-बाल बचीं पोवाई के बंधक संकट से
- महिला विश्व कप फाइनल: भारतीय पुरुष टीम का ‘जीत के मंत्र’ के साथ समर्थन
- श्रीनगर में उमड़ा ‘रन फॉर यूनिटी’: कश्मीर मैराथन 2025 ने बनाया नया कीर्तिमान
- सोनोरा सुपरमार्केट विस्फोट: 23 लोगों की जान गई, जांच शुरू
- खूंटी: ट्रेलर लुढ़का, टेम्पो से टकराया, बिजली ट्रांसफार्मर भी टूटा
- पश्चिम बंगाल: मतदाता सूची संशोधन से पहले संदिग्धों का पलायन, बीजेपी ने उठाए सवाल
