हाल ही में हुई भारी बारिश ने मुंबई मोनोरेल की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया। मंगलवार शाम को, मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क स्टेशनों के बीच मोनोरेल के एलिवेटेड ट्रैक पर अचानक रुक जाने से यात्रियों में दहशत फैल गई। मोनोरेल में सैकड़ों यात्री सवार थे, और घंटों तक फंसे रहने से स्थिति और भी खराब हो गई।
एसी और रोशनी बंद होने से यात्रियों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी, जिससे चीख-पुकार मच गई। कुछ यात्री बेहोश भी हो गए। कड़ी मेहनत के बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि 3000 करोड़ रुपये की लागत से बनी मोनोरेल कैसे फेल हो गई? आइए मुंबई मोनोरेल के बारे में जानते हैं। यह कब शुरू हुई और इसका मार्ग क्या है?
एमएमआरडीए के अनुसार, भारी बारिश के कारण उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित होने से यात्रियों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था और वे मोनोरेल में सवार हो गए। भीड़ अधिक होने के कारण ट्रेन में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई और मोनोरेल फंस गई। मुंबई में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे सड़कें और रेलवे ट्रैक जलमग्न हैं।
मुंबई मोनोरेल की शुरुआत 2 फरवरी 2014 को हुई थी, जिसका उद्घाटन 1 फरवरी 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने किया था। इस परियोजना का उद्देश्य मुंबई की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर यातायात कम करना और लोकल ट्रेन और मेट्रो को जोड़ना था। अनुमान था कि लाखों यात्री रोजाना सफर करेंगे, लेकिन इसमें केवल 15-20 हजार यात्री ही सफर करते हैं। मोनोरेल के निर्माण पर लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और मलेशिया की स्कॉमी इंजीनियरिंग को 2,460 करोड़ रुपये में डिजाइन, निर्माण और संचालन-रखरखाव का ठेका मिला था।
मुंबई मोनोरेल चेंबूर से संत गाडगे महाराज चौक (महालक्ष्मी) तक चलती है, जो लगभग 19.54 किलोमीटर लंबा है और 17 स्टेशनों को जोड़ता है। प्रमुख स्टेशन चेंबूर, वडाला और संत गाडगे महाराज चौक हैं। पहले चरण में वडाला से चेंबूर (8.8 किमी) और दूसरे चरण में वडाला से संत गाडगे महाराज चौक (11.2 किमी) शामिल थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि तकनीकी खराबी के कारण चेंबूर और भक्ति पार्क के बीच एक मोनोरेल फंस गई। एमएमआरडीए, फायर ब्रिगेड और नगर निगम मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की और कहा कि सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला जाएगा। घटना के कारणों की जांच की जाएगी।