उज्जैन में भगवान महाकाल की राजसी सवारी धूमधाम से निकाली गई, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए और उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए बाबा महाकाल से सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने बताया कि सावन-भादों में महाकाल की सवारियां निकलती हैं, और इस बार भी यह परंपरा जारी रही।
सवारी में भगवान महाकाल के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन हुए, जिनमें चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश, शिवतांडव, उमा-महेश, होल्कर स्टेट मुखारविंद और सप्तधान मुखारविंद शामिल थे। भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शनों का आनंद लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सवारी के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की थीं। सवारी मार्ग पर पुष्प वर्षा की गई और भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। विजयादशमी पर भी बाबा महाकाल की सवारी निकलेगी।
सवारी 18 अगस्त को निकाली गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया। पालकी में विराजमान भगवान चंद्रमौलेश्वर नगर भ्रमण पर निकले और भक्तों ने जयकारे लगाए।
हेलीकॉप्टर से भगवान चंद्रमौलेश्वर पर पुष्प वर्षा की गई। सशस्त्र बलों ने सवारी को सलामी दी। सवारी में डमरू और झांझ बजाए गए।
सवारी रामघाट पहुंची, जहां क्षिप्रा नदी में जलाभिषेक किया गया। 70 भजन मंडलियां सवारी में शामिल हुईं और उन्होंने भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाया।
सवारी के दर्शन के लिए चलित रथों की व्यवस्था की गई, जिन पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया। जनजातीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री ने भंडारे में भी भाग लिया और श्रद्धालुओं को भोजन वितरित किया।