अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरएसएस की प्रशंसा करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने संघ पर ‘मुंह से स्वदेशी, लेकिन दिल से विदेशी’ होने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने पहले धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की राह पर चलने का फैसला किया था, लेकिन आरएसएस का रास्ता अलग है। उन्होंने आरएसएस की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संगठन दिखावे के लिए स्वदेशी है, लेकिन इसकी सोच विदेशी है। यह टिप्पणी पीएम मोदी द्वारा आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर प्रशंसा करने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने इसे दुनिया का ‘सबसे बड़ा एनजीओ’ बताया था।
अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर बोलते हुए कहा कि भारत को दुनिया की चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने किसानों और युवाओं के भविष्य को मजबूत बनाने पर जोर दिया। अखिलेश ने कहा कि देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए किसानों का सशक्त होना जरूरी है, जिससे युवा बेहतर भविष्य प्राप्त कर सकें और भारत वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर सके।
उन्होंने कहा कि हमें देश को मजबूत बनाने के लिए त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को समय-समय पर बाजार और जमीन के नाम पर मिलने वाली धमकियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने अग्निवीर योजना को समाप्त करने की भी मांग की और अमेरिका द्वारा भारतीय उद्योगों पर लगाए जा रहे टैरिफ पर चिंता व्यक्त की। अखिलेश ने कहा कि इस तरह की वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए समाधान खोजने की आवश्यकता है।