केंद्र सरकार ने बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कई प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 18,500 करोड़ रुपये से अधिक है। इन परियोजनाओं को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने मंजूरी दी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इन निवेशों को तीन प्रमुख क्षेत्रों में किया जाएगा: सेमीकंडक्टर निर्माण, मेट्रो रेल का विस्तार और जलविद्युत उत्पादन।
इन परियोजनाओं में शामिल हैं, भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत चार नई परियोजनाओं के लिए 4,600 करोड़ रुपये का अनुमोदन। इस मिशन के तहत अब तक 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें छह राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इन परियोजनाओं में SiCSem (भुवनेश्वर, ओडिशा), 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक (भुवनेश्वर, ओडिशा), कॉन्टिनेंटल डिवाइसेस इंडिया लिमिटेड (CDIL), मोहाली (पंजाब) और एडवांस सिस्टम इन पैकेज (ASIP) टेक्नोलॉजीज, आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
लखनऊ मेट्रो के चरण 1B के लिए 5,801 करोड़ रुपये का निवेश भी स्वीकृत किया गया है। इस चरण के तहत, 11 किलोमीटर लंबा ट्रैक और 12 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे पुराने लखनऊ के महत्वपूर्ण व्यापारिक, चिकित्सा और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा।
अरुणाचल प्रदेश में 700 मेगावाट की तातो-II जलविद्युत परियोजना को भी मंजूरी मिली है, जिसकी लागत 8,146 करोड़ रुपये है। यह परियोजना प्रति वर्ष लगभग 2,738 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न करेगी, जिससे राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। केंद्र सरकार इस परियोजना के लिए बुनियादी ढांचे और इक्विटी के रूप में सहायता प्रदान करेगी।