केरल के तिरुवनंतपुरम से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में एक अप्रत्याशित घटना हुई। विमान में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और कई अन्य यात्री सवार थे, जो सुरक्षित अपनी मंजिल पर पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन तकनीकी खराबी के कारण, विमान को चेन्नई की ओर मोड़ना पड़ा।
सांसद केसी वेणुगोपाल ने बताया कि उड़ान में देरी हुई और इसके बाद विमान में टर्बुलेंस का अनुभव हुआ। पायलट ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसके बाद विमान को दो घंटे तक चेन्नई एयरपोर्ट के ऊपर चक्कर लगाना पड़ा। जब लैंडिंग का प्रयास किया गया, तो पायलट को ‘गो-अराउंड’ का निर्देश मिला, क्योंकि रनवे पर पहले से ही एक विमान मौजूद था।
एयर इंडिया ने स्पष्ट किया कि चेन्नई की ओर डायवर्जन सावधानी बरतते हुए किया गया था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने पायलट को ‘गो-अराउंड’ का निर्देश दिया, जो किसी अन्य विमान की उपस्थिति के कारण नहीं था।
गो-अराउंड एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसका उपयोग विमानन सुरक्षा के लिए किया जाता है। इसका मतलब है कि अगर लैंडिंग सुरक्षित नहीं है, तो पायलट लैंडिंग की कोशिश को रद्द कर देता है और दोबारा ऊंचाई पर चढ़ जाता है। यह रनवे पर बाधा, खराब मौसम या तकनीकी खराबी सहित विभिन्न कारणों से किया जा सकता है।
गो-अराउंड की प्रक्रिया में इंजन की शक्ति बढ़ाना, विमान के कॉन्फ़िगरेशन को समायोजित करना, चढ़ाई करना, एटीसी के साथ संवाद करना और फिर से लैंडिंग का प्रयास करना शामिल है। पायलटों को इस प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाता है, और यह हवाई यात्रा को सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।