भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जल्द ही अमेरिका के एक 6,500 किलोग्राम के संचार उपग्रह को लॉन्च करेगा। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने इस महत्वपूर्ण मिशन की घोषणा की। नारायणन ने कहा कि यह प्रक्षेपण जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के माध्यम से होगा, जो नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद किया जाएगा। नारायणन ने एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बोलते हुए बताया कि इसरो की शुरुआत 1963 में हुई थी, जब भारत अंतरिक्ष तकनीक में पीछे था। उन्होंने अमेरिका के एक छोटे रॉकेट के दान को याद किया, जिससे भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू हुआ था। उन्होंने 1975 में अमेरिका से मिले उपग्रह डेटा का उपयोग करके जनसंचार के क्षेत्र में किए गए परीक्षणों का भी उल्लेख किया। नारायणन ने कहा कि निसार उपग्रह दुनिया का सबसे महंगा उपग्रह है, जिसमें अमेरिका और इसरो दोनों ने मिलकर काम किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, जिसने एक छोटे रॉकेट से शुरुआत की थी, आज अपने प्रक्षेपण यान का उपयोग करके अमेरिका के उपग्रहों को लॉन्च करने की क्षमता रखता है। उन्होंने बताया कि इसरो अब तक 34 देशों के 433 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है। चंद्रयान-1 और चंद्रयान-3 मिशनों की सफलता और चंद्रमा पर पानी की खोज का भी उन्होंने उल्लेख किया। नारायणन ने कहा कि भारत ने एक ही रॉकेट से 104 उपग्रहों को लॉन्च करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
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