दिल्ली विधानसभा से पारित एक नए बिल के बाद अब दिल्ली के स्कूलों में फीस को लेकर मनमानी बंद हो जाएगी। इस बिल को ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा पारदर्शिता, फीस निर्धारण और विनियमन विधेयक 2025’ नाम दिया गया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद के अनुसार, इस बिल से अभिभावकों से अत्यधिक फीस वसूली पर रोक लगेगी और छात्रों को लाइब्रेरी में बंद करने जैसी गतिविधियों पर लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस विधेयक से शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और जनता का विश्वास बढ़ेगा।
नए कानून के तहत, निजी स्कूल अब मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अपनी लोकेशन, सुविधाओं, खर्च और शिक्षण स्तर से जुड़ी जानकारी देनी होगी और अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति फीस बढ़ाने पर जुर्माना लगेगा। समय पर अतिरिक्त वसूली वापस न करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाई जाएगी और बार-बार उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।
विधेयक में एक त्रिस्तरीय नियामक प्रणाली का प्रस्ताव है जिसमें स्कूल स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी, जिनमें माता-पिता, शिक्षक, प्रधानाचार्य और अधिकारी शामिल होंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिल में ऑडिट के कड़े नियम हैं और अभिभावकों को फीस वृद्धि पर वीटो पावर देने का प्रावधान है।