मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजधानी रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में, सरकार, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत, ‘श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि यह केंद्र केवल आईआईएम या एनआईटी के छात्रों तक ही सीमित न रहे, बल्कि गांवों के युवाओं को भी लाभ मिले। उन्होंने उद्योग जगत से भी इस पहल का समर्थन करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ अब नए क्षेत्रों जैसे सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्रीन हाइड्रोजन में भी प्रगति कर रहा है। पिछले 20 महीनों में राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन रायपुर में किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। फाउंडेशन अपनी निधि का 10 प्रतिशत शिक्षा, कौशल और कृषि से संबंधित कार्यों के लिए समर्पित करेगा।
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर को 172 करोड़ रुपये दान करेगा। इस दान से आईआईएम रायपुर में छात्रावास और नॉलेज सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय एमबीए कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। एनआईटी रायपुर में ‘श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित किया जाएगा, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों पर काम करेगा।
यह केंद्र 2030 तक 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करेगा, 250 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा और 5,000 से अधिक नौकरियां पैदा करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ की औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप है और स्थानीय उद्योगों के साथ मिलकर काम करेगी।