दिल्ली में एक ही दिन में हुई कई प्रमुख राजनीतिक घटनाओं के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है। इन घटनाओं के राजनीतिक निहितार्थों पर बारीकी से विचार किया जा रहा है।
महाविकास आघाड़ी के नेता उद्धव ठाकरे ने जहां इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लिया और केंद्र सरकार पर हमला बोला, वहीं उनकी सहयोगी पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
सुप्रिया सुले की पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर इसलिए क्योंकि उन्हें राहुल गांधी की बैठक में शामिल होना था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात एक “संकेत” थी। हालांकि, सुप्रिया सुले राहुल गांधी के डिनर में भी शामिल हुईं। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की, जिसे औपचारिक बताया गया, लेकिन इसकी टाइमिंग महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बातचीत की। सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने राज्य की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की।
हाल ही में शिंदे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मतभेद की खबरें आई थीं। ऐसे में शिंदे की दिल्ली यात्रा कई सवाल खड़े कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले पहले भी केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख दिखा चुकी हैं।
इन घटनाओं के बाद इंडिया गठबंधन में भी नाराजगी देखी जा रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की एकजुटता पहले जैसी नहीं रही।
उद्धव ठाकरे का केंद्र पर हमला, सुप्रिया सुले की पीएम से मुलाकात, शिंदे की फैमिली के साथ मुलाकात, ये सब दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में बहुत कुछ बदल रहा है। सवाल यह है कि क्या महाविकास आघाड़ी एकजुट है या नए गठबंधन बन रहे हैं?