5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी और हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने तिरुपति, आंध्र प्रदेश से अधिकारियों को तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू करने का आदेश दिया। जिला प्रशासन ने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन विभाग और आईटीबीपी के साथ मिलकर काम शुरू किया। प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को भी स्थिति से अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने आंध्र प्रदेश का दौरा रद्द कर दिया और 5 अगस्त 2025 की शाम को देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर घटना के संबंध में जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
5 अगस्त 2025 को शाम तक, 130 से अधिक लोगों को बचाया गया। मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों के लिए भोजन और आश्रय की उचित व्यवस्था के निर्देश दिए। हर्षिल क्षेत्र में झील बनने की खबर पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने को कहा गया। वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का उपयोग करते हुए प्रभावितों को एयरलिफ्ट करने के निर्देश भी जारी किए गए।
5 अगस्त 2025 को सरकार ने गढ़वाल के आयुक्त, श्री विनय शंकर पांडे को आपदा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया। अपर सचिव डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री अभिषेक रोहिल्ला और गौरव कुमार को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं। अपर सचिव श्री विनीत कुमार को उत्तरकाशी में ही कैंप करने का आदेश दिया गया।
5 अगस्त 2025 को, दो आईजी, तीन एसपी, एक कमांडेंट और 11 डिप्टी एसपी सहित 300 पुलिसकर्मियों को देहरादून से उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया। 40वीं वाहिनी पीएसी के विशेष आपदा दल और आईआरबी द्वितीय देहरादून की सी कंपनी के 140 जवान भी उत्तरकाशी पहुंचे। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जिलों के 160 पुलिसकर्मियों को भी उत्तरकाशी भेजा गया।
5 अगस्त 2025 को देर शाम, राज्य आपदा राहत कोष से 20 करोड़ रुपये जारी किए गए। विभिन्न विभागों के सचिवों की टीमों को 6 अगस्त 2025 को धराली-हर्षिल पहुंचने का निर्देश दिया गया।
6 अगस्त 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आपदा के बारे में जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रतिकूल मौसम के बावजूद, मुख्यमंत्री धामी धराली पहुंचे। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बचाव कार्यों में शामिल कर्मियों से भी मुलाकात की और अधिकारियों को समय पर राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया।
राज्य सरकार के अनुरोध पर, केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर 6 अगस्त 2025 को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भेजे। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी उपकरण पहुंचाने के भी निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग ने घायलों के इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए और विशेषज्ञ डॉक्टरों को उत्तरकाशी भेजा।
जिला प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर शुरू किए। क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल करने का काम शुरू हुआ। एनआईएम और एसडीआरएफ ने लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण का काम शुरू किया।
6 अगस्त 2025 को, मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी जिले के प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने का निर्देश दिया। हर्षिल में, उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बचाव दल ने सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल सहित दस जवानों को धराली से रेस्क्यू किया। सेना के दो घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा गया, जबकि दो अन्य को सड़क मार्ग से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने 6 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी में ही रात बिताई। उन्होंने जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। कई जगहों पर मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में, भारी उपकरणों को एयरलिफ्ट करने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के अलावा अन्य जिलों में भी आपदा से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश जारी किए।
7 अगस्त 2025 को मातली उत्तरकाशी से हर्षिल के बीच शटल सेवा शुरू की गई। यूकाडा के आठ हेलीकॉप्टरों को शटल सेवा में लगाया गया। बचाव अभियान के तहत प्रभावितों को हेलीकॉप्टर से मातली आईटीबीपी परिसर लाया गया। मुख्यमंत्री धामी ने मातली में बचाए गए प्रभावितों से मुलाकात की। उत्तरकाशी के अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से भी मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
7 अगस्त 2025 को दोपहर तक, 274 लोगों को गंगोत्री और अन्य क्षेत्रों से हर्षिल तक सुरक्षित लाया गया। इनमें 131 गुजरात, 123 महाराष्ट्र, 21 मध्य प्रदेश, 12 उत्तर प्रदेश, सात दिल्ली, छह राजस्थान, पांच असम, पांच कर्नाटक, तीन तेलंगाना और एक पंजाब राज्य से थे।
7 अगस्त 2025 की शाम तक कुल 135 लोगों को बचाया गया और उनके सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया। हर्षिल में बचाए गए 274 लोगों को वहीं रखा गया। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए देहरादून एयरपोर्ट से 125 केवीए क्षमता का एक जनरेटर हर्षिल क्षेत्र में एयरलिफ्ट किया गया।
7 अगस्त 2025 को, मुख्यमंत्री धामी उत्तरकाशी से पौड़ी के आपदा प्रभावित क्षेत्र सैंजी पहुंचे और निरीक्षण किया। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की। पीड़ितों को राहत राशि भी वितरित की गई। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने थलीसैंण तहसील के बांकुडा सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।