तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने भारत में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले का उदाहरण दिया, जिसकी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने निंदा की थी। जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को तीन बुराइयां बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए किया गया था। उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों से वैश्विक व्यवस्था को स्थिर करने और सामूहिक हितों को खतरे में डालने वाली चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह किया। जयशंकर ने स्टार्टअप नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में भारत की पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने एससीओ क्षेत्र के भीतर सुनिश्चित पारगमन की कमी जैसे मुद्दों को हल करने और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। जयशंकर ने अफगानिस्तान को विकास सहायता प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दुनिया अधिक बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है और एससीओ जैसे प्रभावी समूहों का उदय हो रहा है।
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