आजकल, Gen Z के युवाओं में सोशल मीडिया पर छाने की चाहत में खतरनाक स्टंट करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। लाइक और शेयर पाने की चाहत उन्हें सड़कों, रेलवे पटरियों और सार्वजनिक स्थानों पर जानलेवा हरकतें करने के लिए प्रेरित कर रही है। कुछ भाग्यशाली लोग मामूली चोटों से बच जाते हैं, लेकिन कई लोगों को घातक परिणाम भुगतने पड़ते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चिकित्सा और सरकारी निकायों को इस खतरनाक प्रवृत्ति को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
मनोवैज्ञानिक और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ सोशल मीडिया से प्रेरित लापरवाह व्यवहार में वृद्धि पर ध्यान दे रहे हैं। एक युवा स्टंट करने वाले ने बताया कि उसे ‘किक मिलता है’ जो उसे प्रेरित करता है। ध्यान आकर्षित करने की यह दौड़ अक्सर सुरक्षा की उपेक्षा की ओर ले जाती है, जिससे जोखिम भरी हरकतें देखने को मिलती हैं। दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य के निहितार्थ और कानून प्रवर्तन की कमी पर चर्चा हो रही है।
डॉक्टर पवित्रा शंकर इस तरह के व्यवहार को बढ़ावा देने में सत्यापन की भूमिका पर प्रकाश डालती हैं। वह इस बात पर जोर देती हैं कि कब यह पीछा एक विकार में बदल जाता है। डॉक्टर रोहित बालुजा मौजूदा कानूनों के कड़े प्रवर्तन की आवश्यकता पर जोर देते हैं, जिससे खतरनाक स्टंट पनपने में मदद मिलती है। सार्वजनिक जागरूकता अभियान और कानून प्रवर्तन द्वारा सक्रिय कदम उठाना इस बढ़ती समस्या को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।