नई दिल्ली में उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक समय’ विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया गया। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने टाइम डिसेमिनेशन परियोजना के महत्व पर प्रकाश डाला, जो सीएसआईआर-एनपीएल और इसरो के सहयोग से चलाई जा रही है। आगामी लीगल मेट्रोलॉजी (भारतीय मानक समय) नियम, 2025, सभी कानूनी, वाणिज्यिक और प्रशासनिक गतिविधियों में भारतीय मानक समय (आईएसटी) के उपयोग को अनिवार्य करेगा। इस परियोजना का लक्ष्य आरआरएसएल के माध्यम से अत्यधिक सटीक आईएसटी प्रदान करना है, जो परमाणु घड़ियों और सिंक्रनाइज़ेशन सिस्टम से सुसज्जित हैं। सम्मेलन में बैंकिंग, दूरसंचार, ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सटीकता, निष्पक्षता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसका उद्देश्य डिजिटल और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना भी है। यह परियोजना 2018 से लगातार अंतर-मंत्रालयी समन्वय और तकनीकी परामर्श का परिणाम है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रभावशीलता को बढ़ाना और विदेशी समय स्रोतों पर निर्भरता कम करना है। यह पहल नागरिकों के लिए अधिक सुरक्षित डिजिटल लेनदेन, सटीक बिलिंग और साइबर अपराध जोखिम में कमी लाएगी।
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