तिरुवनंतपुरम: अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव केरल (IFFK) 2025 में कुछ फिल्मों के प्रदर्शन पर लगी रोक ने राजनीतिक गरमाहट पैदा कर दी है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय सरकार द्वारा रोकी गई सभी फिल्में इस प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में दिखाई जाएंगी। उन्होंने केंद्र सरकार के इस कदम को “लोकतांत्रिक मूल्यों और कलात्मक स्वतंत्रता पर हमला” करार दिया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “IFFK 2025 में फिल्मों की स्क्रीनिंग को रोकना, भारतीय लोकतंत्र में असहमति और विविध आवाजों को दबाने के केंद्र सरकार के प्रयास को दर्शाता है। यह कदम पूरी तरह से अस्वीकार्य है। केरल की जनता और सरकार ऐसी सेंसरशिप को कभी स्वीकार नहीं करेगी। जिन फिल्मों को रोकी गई हैं, वे सभी महोत्सव का हिस्सा बनेंगी।”
राज्य सरकार का मानना है कि यह प्रतिबंध “रचनात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” का उल्लंघन है। उन्होंने इसे “मन की स्वतंत्रता पर हमला” बताया और कहा कि केरल हमेशा ऐसी कोशिशों का विरोध करता रहेगा।
आयोजकों ने बताया कि सात फिल्मों की स्क्रीनिंग पिछले दो दिनों में रुक गई है क्योंकि उन्हें आवश्यक छूट प्रमाण पत्र नहीं मिला है। अब तक कुल 19 फिल्मों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “IFFK 2025 में 19 फिल्मों को मंजूरी न मिलना बेहद दुखद है। यह खेदजनक है कि ऐसी महत्वपूर्ण फिल्मों को रोका जा रहा है।”
थरूर ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से आग्रह किया कि वे इन फिल्मों को जल्द से जल्द मंजूरी दें ताकि केरल के सिने प्रेमियों और दुनिया के सामने कोई शर्मिंदगी न हो। उन्होंने यह भी बताया कि उनके हस्तक्षेप के बाद कई फिल्मों को मंजूरी मिली थी, लेकिन कुछ अभी भी अटकी हुई हैं।
वरिष्ठ फिल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन ने इस फैसले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने ‘बैटलशिप पोटेमकिन’ और ‘द आवर ऑफ द फर्नेस’ जैसी क्लासिक फिल्मों को रोके जाने को “सिनेमा की समझ की कमी” बताया। गोपालकृष्णन ने कहा, “ये फिल्में सिनेमा के इतिहास का हिस्सा हैं। इन्हें सीखना फिल्मों का आधार है। इन्हें रोकना मूर्खतापूर्ण है।” उन्होंने ‘बीफ’ जैसी फिल्मों के शीर्षक को लेकर की गई गलतफहमी पर भी सवाल उठाए और कहा कि फिल्म के कथानक को समझे बिना फैसले लेना गलत है।
फिल्म समारोहों में, आम तौर पर जिन फिल्मों के पास सीबीएफसी प्रमाण पत्र नहीं होता है, उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से विशेष अनुमति लेकर प्रदर्शित किया जाता है। लेकिन इस बार, प्रमाण पत्र प्राप्त करने में विफलता के कारण IFFK 2025 में कई फिल्में नहीं दिखाई जा सकीं। IFFK 2025 का आयोजन 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा।
