मुंबई में ‘वी द वुमेन एशिया’ कार्यक्रम के दौरान, अनुभवी अभिनेत्री जया बच्चन ने पैपराजी संस्कृति के अनियंत्रित और”अनैतिक” स्वरूप पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने उन लोगों की”अजीब” हरकतों पर सवाल उठाए, जो टाइट, गंदे कपड़े पहनकर और हाथ में मोबाइल लेकर घूमते हैं और हर किसी की तस्वीर खींचने को अपना अधिकार समझते हैं।
जया बच्चन ने”मीडिया” और”पैपराजी” के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें वास्तविक पत्रकारिता का गहरा सम्मान है, खासकर तब जब यह जिम्मेदारी और व्यावसायिकता के साथ की जाती हो। उन्होंने बताया, “मेरा मीडिया के साथ रिश्ता शानदार है। मैं मीडिया का ही एक उत्पाद हूँ। लेकिन पैपराजी के साथ मेरा रिश्ता”शून्य” है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पैपराजी का व्यवहार”अजीब” है। जया ने सवाल किया, “ये लोग कौन हैं? क्या इन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है? क्या इन्हें”मीडिया” कहा जा सकता है? मैं मीडिया की उपज हूँ, मेरे पिता पत्रकार थे। मैं ऐसे लोगों का बहुत सम्मान करती हूँ।”
उन्होंने पैपराजी के”अश्लील” टिप्पणियों की भी कड़ी निंदा की। जया ने पूछा, “ये किस तरह के लोग हैं? वे कहाँ से आते हैं? उनकी शिक्षा क्या है? उनका बैकग्राउंड क्या है? क्या वे हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे?” उन्होंने उन युवा अभिनेताओं पर भी कटाक्ष किया जो”अटेंशन” पाने के लिए पैपराजी को”इंफॉर्म” करते हैं। जया ने इसे”शर्मनाक” बताते हुए कहा, “अगर आपको एयरपोर्ट पर सिर्फ अपनी”फोटो” क्लिक करवाने के लिए कैमरे बुलाने पड़ते हैं, तो आप किस तरह के सेलिब्रिटी हैं?”
जया बच्चन ने यह भी कहा कि ऑनलाइन”नफरत” से उन्हें”फर्क नहीं पड़ता”। उन्होंने पैपराजी की तुलना”चूहों” से की जो”मोबाइल कैमरे के साथ किसी के घर में घुस जाते हैं”।
जया बच्चन अपनी”नाराजगी” जाहिर करने के लिए जानी जाती हैं और अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में फोटोग्राफरों के”अवांछित” व्यवहार पर उन्हें”शिक्षा” देती नजर आती हैं।
हाल ही में, जया बच्चन करण जौहर की”रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” में नजर आई थीं, जिसे”राष्ट्रीय पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है।
