भारत हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाता है, जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। इस खास मौके पर, हम उन बॉलीवुड फिल्मों पर गौर कर रहे हैं जिन्होंने भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों को अपनी कहानियों का आधार बनाया है, ताकि समाज में जागरूकता फैलाई जा सके।
**’अनुच्छेद 15′ (Article 15)**
2019 में रिलीज हुई यह फिल्म, जिसका निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है, समाज में जातिगत भेदभाव के गंभीर मुद्दे को उठाती है, जो सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 15 से जुड़ा है। यह अनुच्छेद किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान आदि के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। फिल्म में आयुष्मान खुराना ने मुख्य भूमिका निभाई है।
**’सेक्शन 375′ (Section 375)**
यह 2019 की एक प्रभावशाली कोर्टरूम ड्रामा है, जो अजय बहल द्वारा निर्देशित है। फिल्म भारतीय दंड संहिता की धारा 375 पर केंद्रित है, जो बलात्कार से संबंधित है। यह फिल्म इस धारा के संभावित दुरुपयोग पर एक विचारोत्तेजक बहस प्रस्तुत करती है, जिसमें अक्षय खन्ना, ऋचा चड्ढा और राहुल भट्ट ने अभिनय किया है।
**’आरक्षण’ (Aarakshan)**
2011 में आई प्रकाश झा की फिल्म ‘आरक्षण’ भारतीय समाज में आरक्षण प्रणाली की जटिलताओं और इसके पीछे के संवैधानिक आधार, विशेषकर अनुच्छेद 16, को गहराई से दर्शाती है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, मनोज वाजपेयी और दीपिका पादुकोण जैसे बड़े नाम शामिल थे, जिन्होंने सामाजिक समानता के मुद्दे को उजागर किया।
**’अनुच्छेद 370′ (Article 370)**
2024 में प्रदर्शित हुई ‘अनुच्छेद 370′ जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के ऐतिहासिक फैसले और उसके बाद के घटनाक्रमों पर आधारित है। आदित्य सुहास जंभाले द्वारा निर्देशित इस फिल्म में यामी गौतम ने मुख्य भूमिका निभाई है।
**’न्यूटन’ (Newton)**
2017 में रिलीज हुई ‘न्यूटन’ फिल्म, राजकुमार राव के शानदार अभिनय से सजी है, जो संवैधानिक अधिकार के रूप में मतदान के महत्व को रेखांकित करती है। फिल्म में नक्सल प्रभावित इलाके में निष्पक्ष चुनाव कराने के एक अधिकारी के संघर्ष को दिखाया गया है।
**’अलीगढ़’ (Aligarh)**
‘अलीगढ़’ फिल्म धारा 377 के विवादास्पद मुद्दे और LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों के संघर्ष को दर्शाती है। हंसल मेहता द्वारा निर्देशित इस फिल्म में मनोज वाजपेयी ने एक प्रोफेसर की भूमिका निभाई है, जिन्हें उनकी लैंगिक पहचान के कारण विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया जाता है।
