हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है, जो देवी तुलसी और भगवान विष्णु के पवित्र बंधन का उत्सव मनाता है। 2025 में, यह महत्वपूर्ण पर्व घर पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा, जो मंगल कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है।
इस शुभ अवसर पर, घर पर तुलसी विवाह का आयोजन करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। ऐसा माना जाता है कि तुलसी, देवी लक्ष्मी का ही एक रूप हैं, और उनका विवाह भगवान विष्णु के साथ करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। यह अनुष्ठान चतुर्मास के समापन और विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के आरंभ का सूचक भी है।
**तुलसी विवाह 2025: करें ये काम (Do’s)**
* **सही समय पर पूजा:** ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सबसे पहले तुलसी विवाह की सही तिथि और शुभ चौघड़िया (मुहूर्त) का पता लगाएं। मुहूर्त के अनुसार की गई पूजा से विशेष लाभ मिलता है।
* **तुलसी को सजाना:** तुलसी के गमले को साफ करें और उसे सुंदर वस्त्रों, लाल चुनरी, चूड़ियों और गहनों से दुल्हन की तरह सजाएं। गमले के चारों ओर आम के पत्ते, फूल और रंगोली से सजावट करें।
* **मंडप और शालिग्राम की स्थापना:** विवाह के लिए एक छोटा मंडप बनाएं। इसमें शालिग्राम शिला (भगवान विष्णु का प्रतीक) को स्थापित करें या भगवान विष्णु की तस्वीर रखें।
* **श्रद्धापूर्वक अनुष्ठान:** घी का दीपक प्रज्वलित करें। तुलसी और शालिग्राम को रोली, हल्दी, अक्षत, पुष्प और मिष्ठान्न अर्पित करें। मंत्रोच्चार या कथा श्रवण के साथ पूजा संपन्न करें।
* **आशीर्वाद का वितरण:** पूजा के बाद, चरणामृत और प्रसाद (आमतौर पर मिठाई) को परिवार के सदस्यों में बांटें। ज़रूरतमंदों को अन्न या धन का दान करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
**तुलसी विवाह 2025: न करें ये गलतियाँ (Don’ts)**
* **स्नान और शुद्धता:** पूजा से पहले स्नान करना और साफ, पारंपरिक कपड़े पहनना अनिवार्य है। अस्वस्थ होने पर या तामसिक भोजन (जैसे मांस) का सेवन करने पर पूजा से बचें।
* **पत्ते तोड़ने का नियम:** द्वादशी तिथि (एकादशी के अगले दिन) को तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है। पत्तों को एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए।
* **शांत रहें:** इस पवित्र दिन पर क्रोध, ईर्ष्या या किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहें। घर में शांतिपूर्ण और भक्तिमय वातावरण बनाए रखें।
* **सामग्री की शुद्धता:** पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी बर्तन, फूल और अन्य सामग्री बिल्कुल साफ और ताज़ी होनी चाहिए। बासी या अशुद्ध सामग्री का प्रयोग न करें।
* **सात्विक भोजन:** इस दिन केवल सात्विक भोजन का सेवन करें। मांसाहार, शराब, लहसुन और प्याज से परहेज करना चाहिए।
घर पर तुलसी विवाह करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली भी आती है। यह पर्व प्रेम, पवित्रता और अटूट विश्वास का प्रतीक है।
