वेटरन अभिनेत्री कांचना, जिन्होंने 1960 और 70 के दशक में तेलुगु सिनेमा में अपनी दमदार और लीक से हटकर भूमिकाओं से खास पहचान बनाई थी, जल्द ही संदीप रेड्डी वांगा की अगली फिल्म ‘स्पिरिट’ में नजर आएंगी। इस एक्शन थ्रिलर में वे साउथ के सुपरस्टार प्रभास के साथ दिखेंगी।
कांचना, जिनका जन्म वसुंधरा देवी के रूप में हुआ था, ने एक एयर होस्टेस के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। निर्देशक सी.वी. श्रीधर ने उन्हें एक विमान में देखा और अपनी तमिल फिल्म ‘कादलिकका नरामिल्लाई’ (1964) में ब्रेक दिया, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। इसके बाद उन्होंने तेलुगु सिनेमा में कदम रखा और अपनी अनूठी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता।
‘अर्जुन रेड्डी’ से पहले भी हिट:
इससे पहले, कांचना ने 2017 की ब्लॉकबस्टर ‘अर्जुन रेड्डी’ में अर्जुन की दादी का किरदार निभाया था, जिसे काफी सराहा गया था। लेकिन ‘स्पिरिट’ से पहले भी वे ‘प्रीमिंची चूडू’, ‘अलख निरंजन’, ‘कादलिकका नरामिल्लाई’, ‘देवता मनुष्य’, ‘रथ सप्तमी’, ‘बिडुगडेया बेदी’, ‘प्रचंडा कुल्ला’, ‘कासिद्रे कैलासा’ जैसी कई सफल फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं।
रूढ़ियों को तोड़ने वाली अदाकारा:
उस दौर में जब दक्षिण भारतीय फिल्में अक्सर पुरुष-केंद्रित हुआ करती थीं, कांचना ने ‘वीरअभिमंयु’ (1965) में उत्तरा जैसे किरदारों को जीवंत किया। ‘आवे कल्लू’, ‘नेनंटे नेने’, ‘धर्म दाता’ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने साबित किया कि वे किसी भी तरह के किरदार को अपनी मेहनत और कला से यादगार बना सकती हैं। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है और अपनी हर भूमिका में एक नई ऊर्जा और साहस का संचार किया।
‘स्पिरिट’ में भूमिका पर सस्पेंस:
‘स्पिरिट’ में कांचना का रोल क्या होगा, यह अभी रहस्य बना हुआ है। लेकिन उनके फिल्म से जुड़ने की खबर ने फैंस को काफी उत्साहित कर दिया है। ‘अर्जुन रेड्डी’ में उनके छोटे से, लेकिन प्रभावी किरदार ने यह साबित कर दिया था कि वे आज भी दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने की क्षमता रखती हैं। ‘स्पिरिट’ में उनकी वापसी का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
