भाई दूज, जिसे प्रेम और विश्वास के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, भाई-बहन के अनमोल बंधन का उत्सव है। यह दिवाली के पांच दिनों के उत्सव का समापन करता है और यह दर्शाता है कि भाई-बहन एक-दूसरे के लिए सदैव मौजूद रहेंगे। 2025 में, यह पावन पर्व 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा।
इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका लगाकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं और उन्हें मिठाई खिलाती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं, जो उनके प्यार और सुरक्षा का प्रतीक होता है। इस वर्ष तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त अपराह्न 1:10 बजे से 3:25 बजे तक रहेगा, जो लगभग सवा दो घंटे का है।
**पौराणिक महत्व और भिन्नता**
भाई दूज की उत्पत्ति कई पौराणिक कथाओं से जुड़ी है। एक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने नरकासुर को हराकर अपनी बहन सुभद्रा से भेंट की थी, जिन्होंने उनका स्वागत किया और तिलक लगाया। इसी परंपरा का पालन आज भी किया जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे महाराष्ट्र में भाऊबीज, पश्चिम बंगाल में भाई फोंटा, और नेपाल में भाई टीका। ये सभी नाम भाई-बहन के स्नेह के एक ही भाव को दर्शाते हैं।
**शुभ मुहूर्त और तिथि का विवरण**
* **पर्व की तिथि:** 23 अक्टूबर, 2025 (गुरुवार)
* **अपराह्न मुहूर्त (तिलक):** 1:10 PM – 3:25 PM
* **द्वितीया तिथि प्रारंभ:** 22 अक्टूबर, 8:16 PM
* **द्वितीया तिथि समाप्त:** 23 अक्टूबर, 10:46 PM
**भाई दूज 2025 पर विशेष संदेश**
* मेरे प्यारे भाई, तुम मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी हो। भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं!
* तुम्हारी मुस्कान मेरे जीवन को रोशन करती है। ईश्वर तुम्हें हमेशा खुश रखे। भाई दूज मुबारक!
* हमेशा मेरी रक्षा करने और मुझे सहारा देने के लिए धन्यवाद। तुम मेरे हीरो हो!
* दूरियां हमें अलग कर सकती हैं, लेकिन हमारा प्यार हमेशा बना रहेगा। तुम्हें बहुत सारा प्यार, भाई!
* यह भाई दूज तुम्हारे जीवन में ढेर सारी खुशियाँ और सफलताएँ लेकर आए।