मोहम्मद रफ़ी के देशभक्ति गीत: भारत की आज़ादी के 79 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने का समय आ गया है। स्वतंत्रता दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हमारे देश के प्रति गर्व और सम्मान की भावना लाता है। बॉलीवुड में बनी कई देशभक्ति फ़िल्में इस भावना को दर्शाती हैं, जिनमें प्रेरणादायक गीत शामिल हैं। महान गायक मोहम्मद रफ़ी ने अपने करियर में कई बेहतरीन गाने गाए, जिनमें देशभक्ति गीत भी शामिल हैं। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, हम आपके लिए रफ़ी साहब के 5 विशेष देशभक्ति गीत लेकर आए हैं जो आपको देशभक्ति की भावना से भर देंगे।
कर चले हम फ़िदा
यह गाना 1964 की फ़िल्म ‘हक़ीक़त’ का है, जिसमें धर्मेंद्र और विजय आनंद ने अभिनय किया था। रफ़ी साहब ने इसे बहुत ही शानदार तरीके से गाया था। कैफ़ी आज़मी के बोल और मदन मोहन के संगीत ने इस गीत को अमर बना दिया है।
ये देश है वीर जवानों का
यह गाना 1955 की फ़िल्म ‘नया दौर’ का है, जिसमें दिलीप कुमार और अजीत ने अभिनय किया था। यह गीत आज भी युवाओं को प्रेरित करता है। रफ़ी साहब ने इसे बलबीर के साथ गाया था, जिसके बोल साहिर लुधियानवी ने लिखे थे और संगीत ओ.पी. नय्यर ने दिया था।
जहां डाल डाल पर
मोहम्मद रफ़ी ने फ़िल्मों के अलावा भी कई गाने गाए, जिनमें ‘जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया’ भी शामिल है। यह गीत देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाता है। राजेंद्र कृष्णन ने इसके बोल लिखे और हंसराज बहल ने संगीत दिया।
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती
यह गाना 1954 की फ़िल्म ‘जागृति’ का है। रफ़ी साहब की मधुर आवाज़ में गाया गया यह गीत आज भी बचपन की याद दिलाता है। कवि प्रदीप ने इसके बोल लिखे और हेमंत कुमार ने संगीत दिया।
ताक़त वतन की हमसे है
देव आनंद की फ़िल्म ‘प्रेम पुजारी’ का यह गीत आज भी लोकप्रिय है, जिसे मोहम्मद रफ़ी और मन्ना डे ने गाया था। गोपाल दास नीरज के बोल और एस.डी. बर्मन के संगीत ने इसे यादगार बना दिया है।
इन गानों के अलावा, रफ़ी साहब ने कई अन्य देशभक्ति गीत भी गाए, जो आज भी लोकप्रिय हैं। इन गीतों में ‘अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं’, ‘मेरे देश में पवन चले पुर्वाई’, और ‘वतन पर जो फ़िदा होगा’ शामिल हैं। ये गीत हमें सुनहरी यादों में ले जाते हैं और देश के प्रति भावुक कर देते हैं।