‘फुल्लू’ ग्रामीण भारत में माहवारी स्वच्छता पर एक कच्चा और बेबाक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। इस फिल्म में शारिब हाशमी मुख्य भूमिका में हैं, जो एक ऐसे व्यक्ति की यात्रा को दर्शाते हैं जो अपने गांव की महिलाओं के दुख को समझने और कम करने का प्रयास करता है। कहानी फुल्लू के प्रयासों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सैनिटरी पैड पेश करने की कोशिश करता है, जिसका उसे मजाक उड़ाया जाता है और विरोध का सामना करना पड़ता है। फिल्म की ताकत नायक की ईमानदारी और इस उद्देश्य के प्रति उसकी प्रतिबद्धता में निहित है। इस फिल्म में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा इस विषय पर बनी फिल्मों के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण की भी पड़ताल की गई है, जिसमें ‘फुल्लू’ और ‘पैडमैन’ को दी गई रेटिंग में अंतर देखा जा सकता है।
Trending
- नॉर्थ वेस्ट 12 साल की: किम कार्दशियन ने साझा की प्यारी बेबी तस्वीरें और जश्न मनाया
- महिला वनडे विश्व कप 2025: भारत के मैचों का कार्यक्रम जारी
- जबरन शादी के खिलाफ नाबालिग लड़की ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार
- लखनऊ एयरपोर्ट पर हज यात्रियों को ले जा रहे विमान में आई तकनीकी खराबी, पहिये से धुंआ और चिंगारी
- हर्ष रोशन की वेब सीरीज ‘AIR: All India Rankers’: ओटीटी रिलीज की जानकारी
- ODI विश्व कप 2025: भारत-पाकिस्तान मैच कोलंबो में, राजनीतिक तनाव के बीच
- पुणे में पुल गिरने से हादसा: चार की मौत, 51 घायल; CM फडणवीस ने पीड़ितों के परिवारों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की
- मैड मैन प्रोडक्शंस नई फ्रैंचाइज़ी के साथ एक्शन शैली में क्रांति लाने के लिए तैयार