छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 18 माओवादियों को मार गिराया है। यह मुठभेड़ बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमावर्ती जंगली इलाकों में हुई। गुरुवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान नक्सलियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई थी।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 12 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी, लेकिन बाद में कुल 18 शव बरामद किए गए। मारे गए नक्सलियों में एक शीर्ष माओवादी कमांडर मोदियाम वेला भी शामिल है, जो पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की एक कंपनी का प्रमुख था। वेला पर 8 लाख रुपये का इनाम था और वह 2020 में सुकमा के मिन्पा में हुई उस भीषण मुठभेड़ में शामिल था जिसमें 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद जब्त किए हैं, जिनमें एके-47 और INSAS राइफलें प्रमुख हैं। इस सफल अभियान के दौरान, तीन वीर जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के जवान, हेड कांस्टेबल मोनू वाडाडी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोढ़ी, शहीद हो गए। वहीं, दो अन्य DRG जवान घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए भेज दिया गया है।
यह छत्तीसगढ़ में इस साल की सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाइयों में से एक है। इस वर्ष अब तक सुरक्षा बलों ने कुल 275 नक्सलियों को ढेर किया है, जिनमें से 246 बस्तर संभाग में मारे गए हैं। वहीं, नक्सल विरोधी अभियानों में कुल 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं, जो इस लड़ाई की चुनौतियों को दर्शाता है।
