छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 18 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया है। यह मुठभेड़ बुधवार को बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा से लगे जंगल में उस समय हुई जब सीआरपीएफ और DRG की संयुक्त टीम एक खुफिया इनपुट के आधार पर नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी। गुरुवार को घटना की विस्तृत जानकारी सामने आई, जिसमें 18 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई और उनके पास से एके-47 व INSAS जैसी खतरनाक राइफलों सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
सुरक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मारे गए नक्सलियों में एक कुख्यात माओवादी कमांडर मोदियाम वेला भी शामिल था। वेला, पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की कंपनी नंबर 2 का प्रमुख था और उस पर 8 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पटलिंगम के अनुसार, वेला कई गंभीर नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था, जिसमें 2020 में सुकमा के मिनपा में हुआ हमला भी शामिल है, जिसमें 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
इस साहसिक अभियान के दौरान, सुरक्षा बलों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा। तीन जांबाज DRG जवान – हेड कांस्टेबल मोनू वाडाडी, कांस्टेबल डुकारू गोंडे और जवान रमेश सोढ़ी – नक्सलियों की गोली का शिकार हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त, दो अन्य DRG कर्मी, सहायक उप-निरीक्षक जनार्दन कोर्राम और कांस्टेबल सोमदेव यादव, घायल हो गए हैं, जिनका इलाज जारी है।
यह वर्ष नक्सल विरोधी अभियानों के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक सुरक्षा बलों ने कुल 275 नक्सलियों को मार गिराने में कामयाबी हासिल की है। इसमें बस्तर संभाग से 246, गरियाबंद से 27 और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी से 2 नक्सली शामिल हैं। वहीं, नक्सल विरोधी अभियानों में इस साल अब तक 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।
