रायपुर, 08 अक्टूबर 2025/ माओवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे बीजापुर जिले के 32 आत्मसमर्पित माओवादियों ने अब विकास और स्वरोजगार की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इन सभी ने जगदलपुर स्थित क्षेत्रीय स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में एक महीने का कुक्कुटपालन और बकरीपालन का विशेष प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पूर्व नक्सलियों ने न केवल पशुपालन के वैज्ञानिक तरीके सीखे, बल्कि एक सफल उद्यमी बनने की बारीकियों को भी जाना। एक माह की गहन ट्रेनिंग में आत्मसमर्पित माओवादियों को कुक्कुटपालन और बकरीपालन से संबंधित हर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। यहां उन्होंने उन्नत नस्लों का चयन, चारा प्रबंधन और संतुलित आहार की जानकारी, टीकाकरण, रोगों की पहचान और उपचार के तरीके के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, ऋण प्राप्त करने और अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की रणनीति के संबंध में प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण लेने वाले एक आत्मसमर्पित माओवादी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जंगल में जीवन बहुत मुश्किल और खाली था। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर आत्मसमर्पित माओवादियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जो पुनर्वास नीति बनाई गई है, वह एक अभिनव प्रयास है। जिससे अब हम अपने हाथों से काम करके परिवार के लिए एक स्थिर और सम्मानजनक जीवन-यापन कर सकते हैं। सरकार के इस कदम से हमें बहुत हिम्मत मिली है।
Trending
- सीएम की उपस्थिति में जेसोवा दिवाली मेला का शुभारंभ
- मनेंद्रगढ़ खदान हादसा: ब्लास्ट की तैयारी में 3 मजदूर झुलसे
- बिहार: तेजस्वी का ‘सरकारी नौकरी’ वादा कितना सच? विश्लेषण
- ट्रम्प का गाजा शांति प्लान: इजराइल-हमास में प्रथम चरण पर समझौता
- करवा चौथ 2025: आधुनिक जोड़ों ने बदला व्रत का मायने, प्यार और समानता का संगम
- पैट कमिंस एशेज के लिए तैयार: मिचेल स्टार्क का बड़ा बयान
- टेस्ला ने लॉन्च किए किफायती ईvs: क्या गिरेगी बाजार की रफ्तार?
- समाज की उन्नति और प्रगति के लिए शिक्षा ही एकमात्र मार्ग :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय