छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रजत जयंती के अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि न्यायपालिका को आम लोगों तक न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार न्याय प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बुनियादी ढांचे और संसाधनों में वृद्धि की जा रही है।
समारोह में, राज्यपाल ने उच्च न्यायालय को नागरिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में सराहा और लोक अदालतों के माध्यम से लंबित मामलों के त्वरित निपटारे की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की भूमिका तभी सार्थक होगी जब न्याय सभी के लिए सुलभ हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधि एवं विधायी विभाग के बजट में वृद्धि की है।
इस अवसर पर बोलते हुए, राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह संविधान की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य और उच्च न्यायालय की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता का परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने भारतीय न्याय संहिता को लागू किया है, जो न्याय पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि सरकार आधुनिक तकनीकी बदलावों को भी शामिल कर रही है, जिसमें फॉरेंसिक विज्ञान भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा कि न्यायपालिका को आने वाले वर्षों में अपनी भूमिका पर विचार करना चाहिए और लोगों के विश्वास को बनाए रखना चाहिए। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि उच्च न्यायालय ने न्याय तक पहुंच बढ़ाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और तकनीकी प्रगति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समारोह में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया। जस्टिस संजय के अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।