मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा में भाग लिया। बैठक में 2024-25 की ऑडिट रिपोर्ट, 2025-26 का बजट और ऑडिटर नियुक्ति पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। सरकार इन प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। खेल अलंकरण समारोह दोबारा शुरू किया गया है और जल्द ही उत्कृष्ट खिलाड़ी सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया के नए केंद्र खोले गए हैं। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया के साथ खेल अधोसंरचना के विस्तार पर चर्चा हुई थी। ओलंपिक खेलों के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की विशेष तैयारी की गई है। ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक जीतने वालों को 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक जीतने वालों को 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेलों के बजट को बढ़ाना चाहती है और कॉर्पोरेट क्षेत्र को भी इसमें शामिल करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत का प्रस्ताव रखा है और अहमदाबाद को इसके लिए प्रस्तावित किया गया है। केंद्र सरकार देश में खेलों को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, ताकि भारत खेलों में एक बड़ी ताकत बन सके। छत्तीसगढ़ में भी राष्ट्रीय स्तर के खेलों के आयोजन के लिए प्रयास किए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर ओलंपिक जैसी खेल प्रतियोगिताओं की शुरुआत हुई है, जिससे दूरदराज के इलाकों के खिलाड़ियों को एक मंच मिला है।
महासचिव विक्रम सिसोदिया ने सचिवीय रिपोर्ट पढ़ी। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष हिमांशु द्विवेदी, गजराज पगारिया, कोषाध्यक्ष संजय मिश्रा और खेल संघ के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।