छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। नक्सलियों के प्रेस नोट से खुलासा हुआ है कि वे डेटा सुरक्षा के लिए प्रोटॉन मेल का उपयोग कर रहे हैं। यह ईमेल सेवा स्विट्जरलैंड स्थित प्रोटॉन टेक्नोलॉजीज एजी द्वारा प्रदान की जाती है, जो अपनी गोपनीयता के लिए प्रसिद्ध है। उल्लेखनीय है कि नक्सली जिस ईमेल आईडी का इस्तेमाल संपर्क के लिए कर रहे हैं, वह एक सामान्य मेल सर्विस नहीं है, बल्कि गोपनीय डेटा के आदान-प्रदान के लिए जानी जाने वाली प्रोटॉन मेल सर्विस का हिस्सा है। पूर्व में, आतंकवादी संगठन ISIS ने भी प्रोटॉन मेल का उपयोग किया था। भारत में प्रोटॉन मेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को भारत में प्रोटॉन मेल को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश एक महिला कर्मचारी को भेजे गए अश्लील और अपमानजनक ईमेल से संबंधित मामले में आया था।
Trending
- हाटगम्हरिया में कल्पना सोरेन की रैली: सोमेश को समर्थन, रामदास के अधूरे सपने
- बिहार में युवा मजदूर बन रहे, नीतीश दिल्ली के गुलाम: राहुल गांधी
- सूडान में 36 वर्षीय भारतीय का अपहरण: RSF पर आरोप, सरकार की रिहाई की कोशिशें तेज
- सुरक्षा हटाने पर भड़के पूर्व मंत्री त्रिपाठी, बोले- सरकार रच रही है हत्या की साजिश
- न्यायमूर्ति मुखोपाध्याय की माँ के निधन पर सीएम सोरेन ने जताया शोक
- बिलासपुर रेल हादसा: मालगाड़ी से भिड़ी ट्रेन, 4 यात्रियों की जान गई
- यूनुस की पुस्तक ‘आर्ट ऑफ ट्राइंफ’ पर विवाद: क्या है ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का सच?
- दिल्ली क्राइम 3 में हुमा कुरैशी का जलवा, शेफाली-रसिका संग काम पर प्रतिक्रिया
