बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल से संबंधित याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। ईडी ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अगली कार्यवाही में दोनों पक्ष लिखित दलीलें पेश करेंगे। जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच इस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें चैतन्य बघेल ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी है। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। आरोप है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से प्राप्त 16.70 करोड़ रुपये मिले थे। यह अवैध धन रियल एस्टेट परियोजनाओं में लगाया गया था, और 1000 करोड़ रुपये के लेन-देन का भी आरोप है।
ईडी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही है और उसने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर में 3200 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का जिक्र है। इस घोटाले में राजनेताओं, आबकारी विभाग के अधिकारियों और व्यापारियों सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
ईडी की जांच में पाया गया कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल के दौरान आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के एक सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया।