छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक व्यक्ति, दिलीप दुबे, जिनकी मृत्यु 18 महीने पहले हो चुकी थी, के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह घटना पुलिस और कानूनी प्रक्रियाओं में लापरवाही का एक स्पष्ट उदाहरण है। दिलीप दुबे, जो कोरबा के एमपी नगर के रहने वाले थे, की मृत्यु 31 जनवरी 2024 को हुई थी। इसके बावजूद, 19 सितंबर 2024 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उनके नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया। वारंट में उन्हें एक मामले में गवाह के रूप में अदालत में पेश न होने के कारण गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था। दुबे के परिवार का कहना है कि पुलिस ने उन्हें कभी कोई समन नहीं भेजा और सीधे वारंट लेकर उनके घर आ गई। यह मामला उनके बेटे के साथ हुई मारपीट से जुड़ा है, जिसमें दिलीप दुबे और उनकी पत्नी को गवाह बनाया गया था। परिवार अब इस वारंट को रद्द करवाने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस घटना ने पुलिस और न्यायपालिका के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले पर अभी तक किसी अधिकारी का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
	Trending
	
				- अमेरिका में 43 साल जेल काटने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को राहत
 - फिलीपींस में काल्मेगी का कहर: 150,000 को निकाला, एक की मौत
 - ट्रेन में चादर के लिए हुई हाथापाई, सेना के जवान की मौत, आरोपी गिरफ्तार
 - कनाडा छात्र वीज़ा: भारतीयों के लिए बढ़ाई मुश्किलें, वीज़ा रिजेक्शन रेट टॉप पर
 - टैरो राशिफल 4 नवंबर: राशि अनुसार जानें आज का दिन कैसा रहेगा
 - महिला विश्व कप जीत: भारत को कब मिलेगी भव्य परेड? जानें BCCI का रुख
 - फ्रांस का बड़ा कदम: अब चलती EV भी होंगी चार्ज!
 - कोयम्बटूर हवाई अड्डे के पास छात्रा से गैंगरेप: पुलिस ने घेरा, 3 आरोपी ढेर (पैर में गोली)
 
									 
					