बस्तर, छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर है। प्रतिबंधित संगठन CPI ने अपनी 21वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 21 से 27 सितंबर तक वार्षिकोत्सव आयोजित करने की घोषणा की है। नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर पिछले वर्षों में हुए नुकसान का भी विवरण दिया है।
नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी इस पर्चे में पहली बार महासचिव के एनकाउंटर में मारे जाने का उल्लेख किया गया है। नक्सलियों ने माना कि चारू मजूमदार की 1972 में मौत के बाद पहली बार किसी महासचिव की मौत एनकाउंटर में हुई है। 21 मई 2023 को अबूझमाड़ क्षेत्र में एक ऑपरेशन में नक्सल महासचिव बसवराजु (एम. श्रीनु) मारा गया था।
पर्चे में यह भी बताया गया है कि हाल के वर्षों में 3 केंद्रीय कमेटी सदस्य, 17 राज्य कमेटी सदस्य समेत कुल 366 कैडर मारे गए हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय नुकसान का भी ज़िक्र है, जिसमें फिलीपींस में एक कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय कमेटी सदस्य की मौत का भी उल्लेख है, जो उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दर्शाता है।
पर्चा जारी होने के बाद, बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे संवेदनशील जिलों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। 21 से 27 सितंबर के बीच संभावित नक्सली हमलों या हिंसा की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा सकती है।
बस्तर पुलिस ने नक्सल सप्ताह के दौरान ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया है।
CPI का गठन 2004 में दो संगठनों के विलय से हुआ था। यह संगठन चारू मजूमदार और कन्हाई चट्टोपाध्याय की विचारधारा पर आधारित सशस्त्र संघर्ष का समर्थन करता है। बस्तर, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के जंगलों में इस संगठन का प्रभाव अभी भी बना हुआ है, हालांकि सुरक्षा बलों की कार्रवाई से इसकी ताकत घट रही है।