प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राजू खान पर शिकंजा कसा है। ईडी ने सिमी और आईएम जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े एक टेरर फंडिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है और राजू खान की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है।
यह मामला एक जटिल नेटवर्क की कहानी है जो देश में वर्षों से सक्रिय था। जांच के अनुसार, राजू खान इस नेटवर्क का एक अहम हिस्सा था। उसके बैंक खातों की जांच से पता चला है कि उसे 48.82 लाख रुपये मिले थे, जिसमें से 42.47 लाख रुपये आतंकियों को भेजे गए थे। यह पैसा पाकिस्तान में बैठे खालिद और धीरज साओ के निर्देशों पर भेजा गया था। यह राशि देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद स्लीपर सेल और ऑपरेटर्स तक पहुंचाई जा रही थी ताकि वे आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।
इस मामले की शुरुआत 2011 में हुई, जब धीरज साओ ने रायपुर में एक चिकन की दुकान खोली। खालिद ने धीरज को बैंक खाता खोलने और कुछ लोगों को पैसे भेजने के लिए कहा। धीरज को इस काम के लिए 13% कमीशन मिलना था, जबकि बाकी पैसे जुबैर हुसैन, आयशा बानू और अन्य के खातों में जमा करने थे।
जांच में पता चला कि यह फंडिंग कई चरणों में की गई थी। धीरज साओ ने कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया और नकदी के रूप में पैसे जमा किए। इन पैसों को फिर जुबैर हुसैन, आयशा बानू और राजू खान जैसे लोगों तक पहुंचाया गया। राजू खान के खाते आगे धन हस्तांतरित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे, जिससे यह नेटवर्क और भी जटिल हो गया।
ईडी की जांच रायपुर के खमतराई पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी से शुरू हुई, जो यूएपीए के तहत धीरज साओ और अन्य के खिलाफ थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि कुछ बैंक खातों का इस्तेमाल भारत में अज्ञात स्रोतों से धन प्राप्त करने और खालिद के निर्देशों पर उसे आगे भेजने के लिए किया जा रहा था।
राजू खान ने इस आतंकी फंडिंग नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसने प्रतिबंधित संगठनों के सदस्यों तक धन पहुंचाने में मदद की। उसके बैंक खातों की जांच से पता चला कि उसने 48.82 लाख रुपये जमा कराए, जिसमें से 42.47 लाख रुपये आतंकियों को भेजे गए।
राजू खान ने कमीशन के रूप में 6.34 लाख रुपये अपने पास रखे, जिसे ईडी ने अपराध की आय माना है। ईडी ने राजू खान की इसी संपत्ति को जब्त किया है।
राजू खान 5 दिसंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में है। 21 दिसंबर 2023 को उसे दिल्ली में एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया, जिसमें वह फर्जी सिम कार्डों के वितरण में शामिल था। वह पीएमएलए और यूएपीए दोनों के तहत आरोपों का सामना कर रहा है।
यह मामला 2013 में धीरज साओ की गिरफ्तारी के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद जुबैर हुसैन और आयशा बानू को गिरफ्तार किया गया। राजू खान को 2021 में गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।