रायपुर, 25 अगस्त, 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज ओसाका (जापान) में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो 2025 में भारत मंडपम के अंदर स्थित छत्तीसगढ़ मंडप का दौरा किया। यहां उन्होंने राज्य की संस्कृति, परंपराओं और आधुनिक प्रगति को उजागर करने वाली प्रदर्शनी देखी।
यह उल्लेखनीय है कि उद्घाटन के दिन ही छत्तीसगढ़ मंडप में 22,000 से अधिक आगंतुकों का स्वागत किया गया। दर्शकों ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आदिवासी लोक कला, उद्योग और पर्यटन आकर्षणों को एक ही छत के नीचे देखने का आनंद लिया।
सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ दुनिया के सामने परंपरा और आधुनिकता के एक अनूठे संगम के रूप में उभर रहा है। “हमारी पहचान केवल विरासत और लोक संस्कृति तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हम उद्योग, नवाचार और वैश्विक सहयोग की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
मंडप में छत्तीसगढ़ की आदिवासी कला, बुनाई, हस्तशिल्प, हर्बल वस्तुओं और पर्यटन स्थलों को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही राज्य की औद्योगिक क्षमता, निवेश के अवसरों और भविष्य की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया।
जापान और अन्य देशों के आगंतुकों ने छत्तीसगढ़ मंडप की सराहना की, विशेष रूप से हस्तशिल्प, बांस उत्पादों, बस्तर कला और लोक संगीत पर आधारित प्रदर्शनों की सराहना की। इससे अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के बीच राज्य की सकारात्मक छवि बनी।
मंडप में मौजूद मेहमानों के साथ गर्मजोशी से बातचीत करते हुए, सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश और साझेदारी के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राज्य के साथ हाथ मिलाने और विकास की एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “वर्ल्ड एक्सपो जैसे वैश्विक मंच पर हमारी भागीदारी एक स्पष्ट संदेश भेजती है कि छत्तीसगढ़ न केवल भारत के लिए एक मजबूत केंद्र बन सकता है, बल्कि वैश्विक साझेदारी का केंद्र भी बन सकता है।”
इस अवसर पर, छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न देशों के निवेशकों और प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की। औद्योगिक विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित इन बैठकों ने भविष्य के सहयोग के लिए नए रास्ते खोले।
छत्तीसगढ़ मंडप की भव्यता और प्रदर्शन पर प्रदर्शित वस्तुओं ने यह संदेश दिया कि राज्य न केवल अतीत की सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध है, बल्कि भविष्य के लिए तैयार केंद्र भी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यात्रा ने छत्तीसगढ़ को विश्व मंच पर एक नई पहचान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।