छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 25वीं बैठक में खनिज संसाधनों के उपयोग और नई खनन परियोजनाओं पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद ने की। बैठक में पिछले वर्ष की उपलब्धियों की समीक्षा की गई और वर्ष 2024-25 के खनन कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया।
समीक्षा में पता चला कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य को खनिज राजस्व के रूप में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34% अधिक है। मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद ने कहा कि खनिज किसी भी राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिजों पर आधारित नए उद्योगों के लिए सतत अन्वेषण आवश्यक है। बैठक में विभिन्न विभागों और संस्थानों से महत्वपूर्ण खनिजों की खोज करने का आग्रह किया गया।
संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ रजत बंसल ने बताया कि 2024-25 में चूनापत्थर और लौह अयस्क के बड़े भंडार का अनुमान लगाया गया है। आगामी सत्र में रणनीतिक खनिजों पर ध्यान दिया जाएगा। खान मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में चूना पत्थर और बॉक्साइट के अन्वेषण के लिए परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। निजी संस्थानों को भी लिथियम, टाइटेनियम और लौह अयस्क सहित विभिन्न खनिजों के अन्वेषण की अनुमति दी गई है। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग विभिन्न जिलों में खनिजों का सर्वेक्षण कर रहा है और 2025-26 में 29 परियोजनाओं पर काम किया जाएगा।