मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर्स और संभाग आयुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं, जिसमें उन्होंने शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में, मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को जनता के हित में त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि बार-बार पेशी पर बुलाने से लोगों को आर्थिक और समय की हानि होती है, जिससे सरकारी व्यवस्था पर अविश्वास पैदा होता है। उन्होंने अधिकारियों को पेशियों की संख्या कम करने और मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने का निर्देश दिया।
बैठक में, नामांतरण, बंटवारा, अभिलेखों में सुधार, भूमि अधिग्रहण, सीमांकन और डायवर्सन से संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने इन मामलों में तेजी लाने और हितग्राहियों को राहत प्रदान करने के लिए कहा।
इसके अतिरिक्त, सभी राजस्व मामलों को ई-कोर्ट में दर्ज करने का निर्देश दिया गया, ताकि उनकी निगरानी और ट्रैकिंग आसान हो सके। रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण और त्रुटि सुधार पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया, जिसके लिए तहसील स्तर पर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर जोर देते हुए भू-अर्जन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। बस्तर संभाग में सड़क, रेल और मोबाइल टावर परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के वितरण को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया।
मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया, साथ ही किसान पंजीयन की प्रक्रिया में तेजी लाने और डिजिटल फसल सर्वेक्षण को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।
छत्तीसगढ़ के निर्माण की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित रजत महोत्सव को जनभागीदारी से मनाने का आह्वान किया गया। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा, जिसमें रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य कैंप और अन्य जनसेवा कार्यक्रम शामिल होंगे।