उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जिसमें 4 लोगों की जान चली गई है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। यह घटना गंगोत्री के पास हर्षिल में हुई, जहां खीर गंगा में बाढ़ आ गई, जिससे धराली गांव बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई होटल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। धराली गांव देहरादून से 218 किलोमीटर और गंगोत्री धाम से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
आपदा के मद्देनजर, उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लोगों को सहायता प्रदान की जा सके: 01374-222126, 222722 और 9456556431 (DEOC Uttarkashi)।
हर्षिल के पास खीरगाड़ क्षेत्र में स्थित धराली गांव में भारी भूस्खलन हुआ, जिसके कारण मलबा और पानी का तेज बहाव गांव तक पहुंच गया। सेना की आइबेक्स ब्रिगेड के जवानों को तुरंत मौके पर भेजा गया।
धराली कहां पर स्थित है?
धराली, उत्तरकाशी जिले के हर्षिल घाटी का एक हिस्सा है, जो गंगोत्री यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह 9,005 फीट (2,745 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। धराली हर्षिल और गंगोत्री के बीच में स्थित है, जो हर्षिल से 7 किलोमीटर दूर है। धराली जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 79 किलोमीटर की दूरी पर है, और यहां पहुंचने में लगभग 2:30 से 3 घंटे लगते हैं।
धराली की जनसंख्या कितनी है?
धराली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की भटवारी तहसील में स्थित एक मध्यम आकार का गांव है। 2011 की जनगणना के अनुसार, इस गांव में 137 परिवार रहते हैं और इसकी कुल जनसंख्या 583 है, जिसमें 307 पुरुष और 276 महिलाएं शामिल हैं।
तबाही का मंजर
बताया जा रहा है कि धराली में बाढ़ से 20 से 25 होटल और होमस्टे प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 5 पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। बाढ़ के कारण धराली बाजार को भी भारी नुकसान पहुंचा है, और हर तरफ मलबा फैला हुआ है। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। यह क्षेत्र हर्षिल और गंगोत्री के बीच में स्थित है। श्रीखंड से खीर गंगा नाला है, जो भागीरथी में मिलता है, और यहीं बादल फटा था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
सीएम धामी का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता बचाव अभियान है ताकि अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके और जान-माल का नुकसान कम किया जा सके।