रायपुर। रेलवे अधोसंरचना के विस्तार के तहत बिलासपुर-झारसुगुड़ा के बीच चौथी रेल लाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो अपने अंतिम चरण में है। 206 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 150 किलोमीटर से अधिक का कार्य पूरा हो चुका है। रायगढ़ स्टेशन को चौथी लाइन से जोड़ने के लिए 31 अगस्त से 15 सितंबर तक नॉन-इंटरलॉकिंग का काम किया जाएगा, जिसके कारण कई ट्रेनों के संचालन में बदलाव किया गया है।
इसके परिणामस्वरूप, बिलासपुर, टाटानगर, पुणे, कुर्ला, कामाख्या, हटिया, पुरी, जोधपुर, उदयपुर, मालदा, पोरबंदर, वास्को-द-गामा, पटना, हावड़ा और मुंबई मार्गों पर चलने वाली 29 एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रद्द रहेंगी। रद्द की जाने वाली ट्रेनों में टाटानगर-बिलासपुर, पुणे-सांतरागाछी, कुर्ला-कामाख्या, हटिया-पुणे और पुरी-जोधपुर जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें भी शामिल हैं।
इन ट्रेनों को परिवर्तित मार्गों से चलाया जाएगा: हावड़ा-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस (झारसुगुड़ा-टिटलागढ़-रायपुर होकर), पुणे-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस (रायपुर-लाखोली-टिटलागढ़ होकर), हावड़ा-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस, मुंबई-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस, कुर्ला-शालीमार एक्सप्रेस और शालीमार-कुर्ला एक्सप्रेस।
इसके अलावा, गोंदिया-रायगढ़ जनशताब्दी और निजामुद्दीन-रायगढ़ गोंडवाना एक्सप्रेस सहित 5 ट्रेनें बिलासपुर में ही समाप्त कर दी जाएंगी, यानी वे रायगढ़ तक नहीं जाएंगी और बीच में ही अपनी यात्रा पूरी कर लेंगी।
रेलवे ने बताया है कि नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य के दौरान ट्रेनों का परिचालन आवश्यक होने पर ही बाधित किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। इस कार्य के पूरा होने के बाद, ट्रेनों की गति और समयबद्धता में सुधार होगा, जिससे यात्रियों को भविष्य में लाभ होगा।