छत्तीसगढ़ सरकार ने हॉफ बिजली बिल योजना में संशोधन किया है, जिसके तहत अब 100 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर 50% की रियायत दी जाएगी। पहले यह छूट 400 यूनिट तक थी। सरकार के मुताबिक, 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 31 लाख परिवार ऐसे हैं जो हर महीने 100 यूनिट से कम बिजली खर्च करते हैं।
सरकार का कहना है कि इस बदलाव का असर इन 31 लाख परिवारों पर नहीं पड़ेगा और उन्हें पहले की तरह ही योजना का लाभ मिलता रहेगा। इनमें 15 लाख बीपीएल परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी।
राज्य सरकार गरीबों को बिजली बिल से राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत, 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार ₹78,000/- और राज्य सरकार ₹30,000/- की सब्सिडी देती है, कुल मिलाकर ₹1,08,000/- की सब्सिडी मिलती है। 2 किलोवाट के सोलर प्लांट पर 75% अनुदान मिलता है। इससे उपभोक्ता हर महीने 200 यूनिट से ज्यादा बिजली बना सकते हैं।
400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं का बिजली बिल करीब ₹1000/- से ज्यादा होता है। सोलर प्लांट लगाने के बाद यह बिल लगभग शून्य हो जाएगा। उपभोक्ता अपनी छत पर बिजली बनाकर, बाकी बिजली ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत, उपभोक्ता सोलर प्लांट लगाने की बची हुई 25% लागत खुद वहन कर सकते हैं या कम ब्याज दर पर बैंक से लोन ले सकते हैं। लोन की मासिक किस्त लगभग ₹800/- होगी, जो कि 400 यूनिट बिजली पर आने वाले ₹1000/- से कम है।
यह कदम गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत देने और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आत्मनिर्भरता और आर्थिक बचत को बढ़ावा मिलेगा।