छत्तीसगढ़ में दो ननों को मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। यह घटना 25 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई, जिसमें दो नन, सिस्टर प्रीति मैरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस, और सुकमन मंडावी, जो नारायणपुर के निवासी हैं, को गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि वे तीन आदिवासी लड़कियों को बस्तर से आगरा ले जा रहे थे, नौकरी का वादा करके, और उनका धर्म परिवर्तन करने का इरादा था।
जांच में पता चला कि लड़कियों को ‘नर्सिंग जॉब’ का वादा किया गया था और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस को पुजारियों और अन्य लड़कियों के संपर्क विवरण वाली एक डायरी मिली, जिससे एक संभावित नेटवर्क का संकेत मिलता है। मामला छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम सहित प्रासंगिक कानूनों के तहत दर्ज किया गया है। आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं, और लड़कियां एक सुरक्षा केंद्र में हैं। अदालत ने शुरू में जमानत से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि मामला NIA अधिनियम के अंतर्गत आता है। इससे राजनीतिक बहस छिड़ गई है।