छत्तीसगढ़ में शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है, जिससे यह पहले से आसान हो गई है। अब छात्रों को चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स, जैसे कि बीए-बीएड और बीएससी-बीएड, में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। 12वीं कक्षा के बाद सीधे प्रवेश मिलेगा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा है। अगस्त से काउंसलिंग शुरू होने की उम्मीद है, जिससे छात्रों को एक साल की बचत होगी और परीक्षा के बिना प्रवेश मिल सकेगा। पहले, दो वर्षीय बीएड कोर्स के माध्यम से शिक्षक बना जाता था, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, यह कोर्स 2024-25 से बंद कर दिया जाएगा। अब चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत लागू किया जा रहा है।
इस नई व्यवस्था के अंतर्गत, राज्य के 300 कॉलेजों में 6700 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी, और काउंसलिंग के माध्यम से कॉलेज आवंटित किए जाएंगे।